SKANDMATA: SYMBOL OF STRENGTH AND PROSPERITY

स्कंदमाता

10/25/2023

woman in red and gold floral hijab
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स्कंदमाता
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दुनिया भर में माँ की पूजा और आराधना बड़े आदर से की जाती है, और हिन्दू धर्म में, माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का खास महत्व है। इन नौ रूपों में से एक रूप है "स्कंदमाता," जिन्हें सुब्रह्मण्य की मां के रूप में जाना जाता है। माँ स्कंदमाता की पूजा नवरात्रि के पांचवे दिन की जाती है। माँ स्कंदमाता का आवास हिमाचल प्रदेश के पवांगी जिले में है, जो कि भारत में स्कंदमाता के रूप में प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में माना जाता है। उनके प्रमुख मंदिरों में पवांगी का मंदिर और ज्योतिपीठ के रूप में जाने जाने वाले अन्य स्थल भी हैं, जहां भक्तगण उनकी पूजा करते हैं। यहाँ उनका आवास भगवान स्कंद के साथ है और वहां उनकी उपासना और पूजा की जाती है। यहां पर उनके भक्त उन्हें माँ स्कंदमाता के रूप में पूजते हैं।

माँ स्कंदमाता का रूप सुंदर होता है। वे आकर्षक चार मुख धारण करती हैं, और उनके चार हाथ मुद्राओं में होते हैं। उनका एक हाथ अभय मुद्रा में होता है, जो भक्तों को डर से मुक्ति दिलाता है, और दूसरा हाथ वरद मुद्रा में होता है, जिससे वे अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। उनके सिर पर मुकुट होता है, जिसमें वे दिव्य ज्योति से प्रकट होती हैं। वे चारों ओर बेटे, भगवान कार्तिकेय को पालकर खड़ी होती हैं, जिनका नाम स्कंद भी होता है, इसके कारण उन्हें स्कंदमाता कहा जाता है।



माँ स्कंदमाता की पूजा का महत्व -
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माँ स्कंदमाता की पूजा नवरात्रि के पांचवे दिन की जाती है। उन्हें पूजने से भक्तों को बुद्धि, विवेक, और शक्ति की प्राप्ति होती है। इस पूजा के द्वारा भक्त अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं और समस्त बुराइयों से मुक्ति प्राप्त करते हैं।


माँ स्कंदमाता की पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:
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पूजा के लिए एक शुद्ध स्थान चुनें और उसे सजाकर एक आसन पर बैठें।
माँ स्कंदमाता की मूर्ति या फोटो के सामने अपनी दिशा ध्यान में रखें।

अपने मन्त्र जाप के लिए माला का उपयोग करें और "ऊँ ह्रीं स्कंदमात्रे नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।

फूल, दीप, और नैवेद्य चढ़ाएं और आरती उतारें।

इस मंत्र को नियमित रूप से जाप करने से भक्तों को सफलता, शक्ति, और सुख की प्राप्ति होती है।

माँ स्कंदमाता की उपासना करने से भक्तों को भगवान स्कंद की कृपा प्राप्त होती है, और वे अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। माँ स्कंदमाता के आशीर्वाद से उनकी आत्मविश्वास बढ़ता है और वे समस्त मुसीबतों का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। इसलिए, नवरात्रि के इस पंचम दिन, माँ स्कंदमाता की पूजा करके भक्त उनके आशीर्वाद का सदैव स्नेह से स्वागत करते हैं, और अपने जीवन के लिए नई उम्मीदें और सफलता प्राप्त करते हैं।


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